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🏰 राजगड किला: छत्रपति शिवाजी महाराज की पहली राजधानी का ऐतिहासिक सफर

भारतवर्ष के इतिहास में अनेक ऐसे किले हैं, जिन्होंने युद्ध, राजनीति और संस्कृति के केंद्र के रूप में अहम भूमिका निभाई। परंतु जब बात महाराष्ट्र के किलों की आती है, तो राजगड किले का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाता है। यह केवल एक स्थापत्य या युद्ध की गाथा नहीं, बल्कि यह छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज्य की नींव का प्रतीक है। राजगड, जिसे पहले मुरुंबदेव के नाम से जाना जाता था, ने स्वराज्य की आरंभिक राजनीति, योजनाएं और महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं देखी हैं। यही वह गढ़ है जिसे छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपनी पहली राजधानी बनाया था। --- 🏞️ राजगड का परिचय स्थान: पुणे ज़िले में, सह्याद्रि की पर्वत श्रृंखला में स्थित समुद्र तल से ऊँचाई: लगभग 4,514 फीट (1,376 मीटर) पूर्व नाम: मुरुंबदेव किला प्रमुख पर्वतमालाएं: तोरणा किला और सिंहगढ़ इसके निकट हैं राजगड की भौगोलिक स्थिति रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसका विशाल क्षेत्रफल और ऊँचाई दुश्मनों पर नजर रखने और शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करने में सहायक रहे। --- 🏛️ इतिहास की झलक ✨ शिवाजी महाराज का स्वराज्य का सपना और राजगड की भूमिका छत्रपति शिवाजी महार...

🏰 The 12 Iconic Forts of Chhatrapati Shivaji Maharaj Declared UNESCO World Heritage Sites in 2025

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🔥 Among the glorious heritage of India, one name shines in golden letters — Chhatrapati Shivaji Maharaj. A fearless warrior, brilliant strategist, and beloved ruler, he not only laid the foundation of the independent Maratha Empire but also built and preserved hundreds of forts that infused every corner of Maharashtra with valor, patriotism, and pride. In 2025, UNESCO took a historic step by granting World Heritage Site status to 12 prominent forts of Chhatrapati Shivaji Maharaj. This is a moment of immense pride not just for Maharashtra or India, but for every patriot across the globe. --- 🏯 1. Raigad Fort Location: Raigad district, Maharashtra Altitude: 2700 feet Significance: Capital of the Maratha Empire History: Raigad was the capital of Shivaji Maharaj. It was here that his grand coronation took place in 1674. The fort became the center of administrative, cultural, and political activities during his reign. Why UNESCO Recognized It: A stunning example of Maratha architecture Sy...

छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 ऐतिहासिक किले जो 2025 में UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स घोषित हुए

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🔥भारतवर्ष की गौरवशाली धरोहर में यदि कोई नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज है, तो वह है छत्रपति शिवाजी महाराज का। एक वीर योद्धा, रणनीतिकार और प्रजावत्सल राजा जिन्होंने न केवल एक स्वतंत्र मराठा साम्राज्य की नींव रखी, बल्कि सैंकड़ों किलों का निर्माण व संरक्षण कर महाराष्ट्र के कण-कण को युद्धनीति, राष्ट्रभक्ति और आत्मगौरव से भर दिया। वर्ष 2025 में यूनेस्को (UNESCO) ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 प्रमुख किलों को विश्व धरोहर स्थलों (World Heritage Sites) का दर्जा प्रदान किया। यह भारत के लिए, महाराष्ट्र के लिए और हर राष्ट्रभक्त के लिए गर्व का विषय है। --- 🏰 1. रायगढ़ किला (Raigad Fort) स्थान: रायगढ़ ज़िला, महाराष्ट्र ऊँचाई: 2700 फीट प्रमुखता: मराठा साम्राज्य की राजधानी इतिहास: रायगढ़ किला शिवाजी महाराज की राजधानी था। यही वह किला है जहाँ 1674 में शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ था। यह किला प्रशासनिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र था। UNESCO द्वारा मान्यता के कारण: मराठा वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण स्वतंत्र शासन की शुरुआत का प्रतीक प्राकृतिक सुरक्षा और रणनीति...