🏰 राजगड किला: छत्रपति शिवाजी महाराज की पहली राजधानी का ऐतिहासिक सफर
भारतवर्ष के इतिहास में अनेक ऐसे किले हैं, जिन्होंने युद्ध, राजनीति और संस्कृति के केंद्र के रूप में अहम भूमिका निभाई। परंतु जब बात महाराष्ट्र के किलों की आती है, तो राजगड किले का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाता है। यह केवल एक स्थापत्य या युद्ध की गाथा नहीं, बल्कि यह छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज्य की नींव का प्रतीक है। राजगड, जिसे पहले मुरुंबदेव के नाम से जाना जाता था, ने स्वराज्य की आरंभिक राजनीति, योजनाएं और महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं देखी हैं। यही वह गढ़ है जिसे छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपनी पहली राजधानी बनाया था। --- 🏞️ राजगड का परिचय स्थान: पुणे ज़िले में, सह्याद्रि की पर्वत श्रृंखला में स्थित समुद्र तल से ऊँचाई: लगभग 4,514 फीट (1,376 मीटर) पूर्व नाम: मुरुंबदेव किला प्रमुख पर्वतमालाएं: तोरणा किला और सिंहगढ़ इसके निकट हैं राजगड की भौगोलिक स्थिति रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसका विशाल क्षेत्रफल और ऊँचाई दुश्मनों पर नजर रखने और शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करने में सहायक रहे। --- 🏛️ इतिहास की झलक ✨ शिवाजी महाराज का स्वराज्य का सपना और राजगड की भूमिका छत्रपति शिवाजी महार...